भारत के महिला खो खो टीम ने अद्वितीय खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान संसार के बड़े मंच पर बना ली है। इस बार के खो खो विश्व कप ने भारत की हजारों बेटियों को खेल की ओर प्रेरित किया है, खासकर जब उन्होंने नेपाल को फाइनल मैच में 78-40 के अंतर से हरा दिया। इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में हुए इस मुकाबले में टीम की कप्तान प्रियांका इंगले ने असाधारण नेतृत्व प्रस्तुत किया और कई महत्वपूर्ण टच पॉइंट्स बनाए। यह जीत भारतीय महिला टीम के लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत है जो आगे आने वाली पीढ़ियों को खो खो खेल में अपने करियर बनाने की ओर प्रोत्साहित करेगी।
मैच की शुरुआत से ही भारतीय टीम ने मैदान पर अपनी पकड़ बनाई। पहले ही टर्न में भारत की टीम ने 14 अंक जुटाए और नेपाल की खिलाड़ियों को सात बार आसान टच आउट कर दिया। इस समय तक भारतीय टीम का अरमान सिर्फ जीत ही नहीं था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि विपक्षी न तो 'ड्रीम रन' बना सके और न ही उनके खिलाफ कोई बड़ा रुख ले सके। टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन ऐसा था कि उन्होंने नेपाल को पहले टर्न में ही 34 अंकों तक सीमित कर दिया।
दूसरे टर्न में नेपाल ने अपनी रणनीति को युद्ध में बदलने का प्रयास किया लेकिन भारतीय खिलाड़ी उसकी हर चाल का मुंहतोड़ जवाब देने में सफल रहे। उनकी टीम ने पहले हाफ में 11 अंकों का बढ़त बनाए रखा और विपक्षियों को चमत्कृत करने का कोई अवसर नहीं दिया। खेल के इस स्तर पर भारतीय टीम का नियंत्रण पूरे मैदान में दिखायी दे रहा था, जो दर्शकों के लिए एक यादगार नजारा था।
तीसरे और चौथे टर्न में भारतीय टीम ने अपनी बढ़त को कभी भी कमजोर नहीं होने दिया। खासकर जब चैथ्रा बी ने महत्वपूर्ण ड्रीम रन बनाकर टीम को 78 प्वाइंट्स तक पहुंचा दिया। इस निर्णायक रन ने नेपाल की सहायता का कोई अवसर नहीं छोड़ा। खिलाड़ियों की रणनीतिक धैर्यता और उनकी ताकतवर खेल भावना ने इस जीत का मार्ग प्रशस्त किया।
इस विश्व कप में बहुत सारे खिलाड़ी अपनी खास भूमिका में चमके। अंशु कुमारी को बेस्ट एटैकर घोषित किया गया जबकि चैथ्रा बी को 'बेस्ट प्लेयर ऑफ द मैच' का सम्मान मिला। नेपाल की मन्मति धामी की भी प्रशंसा की गई और उन्हें 'बेस्ट डिफेंडर ऑफ द मैच' का खिताब दिया गया। इन पुरुस्कारों के माध्यम से हम देख सकते हैं कि इस खेल ने सभी प्रतिभागियों को प्रसिद्धि और सम्मान दिलाया।
भारत की यह ऐतिहासिक जीत न केवल खो खो को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने में सफल रही, बल्कि इसे ओलंपिक खेलों में शामिल करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। खो खो का यह सफर दिखाता है कि अब यह केवल भारत तक सीमित खेल नहीं रहा, बल्कि इसकी प्रतिभा और कला ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी छाप छोड़ी है।
Darshan kumawat
ये टीम तो बस जबरदस्त है। एक बार देख लोगे तो दिल दहल जाएगा।
Manjit Kaur
पहले टर्न में 14 अंक बनाना कोई बात नहीं थी बस फॉर्म में थीं अब देखो दूसरे टूर्नामेंट में क्या होता है
yashwanth raju
अरे भाई ये तो सिर्फ खेल नहीं ये तो राष्ट्रीय गर्व की बात है। जिन्होंने इसे ओलंपिक में डालने का सुझाव दिया उनको नोबेल पुरस्कार देना चाहिए। 😅
Aman Upadhyayy
इंदिरा गांधी इंडोर में जब वो ड्रीम रन लगा रही थी चैथ्रा तो मैं तो रो पड़ा... ये खेल तो अब बस खेल नहीं रहा ये तो जीवन का अर्थ हो गया है... ये बच्चियों को बताओ कि जीत का मतलब है अपने दिल की आवाज सुनना... 🥹
ASHWINI KUMAR
अच्छा तो अब खो खो ओलंपिक में आएगा? तो फिर बीसीसीआई का क्या होगा? क्या खेलो भारत के लिए भी अलग से बजट बनाना पड़ेगा? ये सब तो बस नए बजट के लिए बहाना है।
vaibhav kapoor
हमारी बेटियां जब खेल रही हैं तो दुनिया को दिखा दिया। अब बस ये चाहिए कि इनके लिए बेस्ट गार्डन बनाएं और घर में बाप का दम न लें।
Manish Barua
कल रात मैंने एक छोटी बच्ची को खेलते देखा जो बस एक टच करने के लिए दौड़ रही थी... उसकी आंखों में वही चमक थी जो आज टीम में थी। ये खेल बस जीत नहीं बल्कि उम्मीद बन गया है।
Abhishek saw
इस जीत के बाद अब राज्य सरकारों को खो खो के लिए अलग से स्कूल खोलने चाहिए। ये खेल निश्चित रूप से लड़कियों के लिए बेहतरीन है।
TARUN BEDI
जब तक भारतीय समाज लड़कियों के खेलने को आज़ादी नहीं देगा, तब तक ये सब बस एक फिल्मी दृश्य होगा। ये जीत तो बस एक बुलेटिन बोर्ड पर लिखी गई बात है, लेकिन घरों में अभी भी लड़कियों को खेलने से रोका जाता है।
Shikha Malik
अंशु कुमारी को बेस्ट एटैकर कहा? अरे यार वो तो बस फ्लैट थी। चैथ्रा बी की ड्रीम रन तो असली काम कर गई। अब बाकी लड़कियों को भी इतना अच्छा खेलना सिखाओ ना।
Hari Wiradinata
खो खो को ओलंपिक में डालने के लिए अब हमें एक नेशनल फेडरेशन बनाना होगा। अगर ये टीम अच्छा खेल रही है तो उनके लिए नियम भी स्पष्ट होने चाहिए।
Leo Ware
खेल तो एक बात है... लेकिन इस टीम ने एक संदेश दिया है: लड़कियां भी जीत सकती हैं। और ये संदेश अब तक के सभी खेलों से ज्यादा शक्तिशाली है।
Ranjani Sridharan
चैथ्रा बी के बाद अब देखो इनके बच्चे क्या खेलेंगे... बस ये नहीं कि खेल तो बस खेल है ना? ये तो अब एक जन्म देने का फैसला हो गया है।
Vikas Rajpurohit
मैंने देखा था ये मैच... जब चैथ्रा ने ड्रीम रन लगाया तो मैं बिस्तर से उठ गया था! ये तो बस खेल नहीं... ये तो एक बिजली का झटका था! 🔥💥
Nandini Rawal
बहुत अच्छा खेला। अब बस उनके लिए अच्छी ट्रेनिंग सुविधाएं चाहिए।
Himanshu Tyagi
नेपाल की टीम भी बहुत अच्छी थी। उनके डिफेंस में एक बार भी ब्रेक नहीं हुआ। इस जीत को दोनों टीमों की जीत मानना चाहिए।
Darshan kumawat
तुम लोग तो बस रो रहे हो... मैंने तो अभी तक एक बार भी खो खो नहीं खेला। लेकिन अब शुरू कर रहा हूं।