पहले दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
अक्षय कुमार, तापसी पन्नू और वाणी कपूर अभिनीत कॉमेडी-ड्रामा 'खेल खेल में' ने बॉक्स ऑफिस पर अपने पहले दिन निराशाजनक शुरुआत की है। मुरझाएं हुए बॉक्स ऑफिस परफ़ॉर्मेंस की यह नवीनतम कड़ी, पहले दिन कलेक्शन के तौर पर बस 5 करोड़ रुपये ही कमा पाई है। निर्देशक मुदस्सिर अज़ीज़ की इस फिल्म को 'स्त्री 2' और 'वेदा' जैसी फिल्में कड़ी चुनौती दे रही हैं, जिसमें स्त्री 2 ने पहले दिन ही 54 करोड़ रुपये की धमाकेदार ओपनिंग की है। हालांकि अग्रिम बुकिंग में कुछ उम्मीद की झलक दिखी थी, लेकिन 'खेल खेल में' जल्दी ही इस सम्मान को बरकरार नहीं रख पाई और बॉक्स ऑफिस पर महत्वपूर्ण संख्या उत्पन्न नहीं कर पाई।
अक्षय कुमार की फिल्में और निरंतर असफलता
यह फ़िल्म अक्षय कुमार के लिए एक और झटका साबित हुई है, जो महामारी के बाद से मात्र एक हिट फिल्म के साथ संघर्ष कर रहे हैं। हाल की उनकी फ़िल्मों में 'सर्फिरा', 'बड़े मियाँ छोटे मियाँ' और 'मिशन रणिगंज' भी बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाई नहीं कर पाई हैं। उनके इस नवीनतम संघर्ष में 'खेल खेल में' का हल्का प्रदर्शन एक और झटका है।
हिंदी क्षेत्रों में दिखी फिल्म
'खेल खेल में' ने हिंदी क्षेत्रों में 40.26 प्रतिशत की औसत प्राप्त की, जिसमें दिल्ली और एनसीआर में यह प्रतिशत 50.5 तक पहुंची। यह आंकड़े प्रभावित करने वाले नहीं हैं और फिल्म के आने वाले दिनों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद चुनौतीपूर्ण प्रतीत हो रही है।
फिल्म का लंबा सफर और प्रतियोगिता
वहीं, इस सप्ताहांत का प्रदर्शन फ़िल्म की सफलता की कहानी में निर्णायक होगा। एक तेजी से बदलते फिल्म बाजार में, जहां फिल्में एक दिन के भीतर हिट या फ्लॉप हो जाती हैं, 'खेल खेल में' का बेहद संतुलन बनाना मुश्किल प्रतीत होता है।
अक्षय कुमार की योजना और भविष्य
अक्षय कुमार के आगे के योजना अब मुख्य रूप से सफल फिल्मों के सीक्वल और लोकप्रिय फ्रेंचाइज़ीज़ में शामिल होने पर केंद्रित है। अक्षय का अगला बड़ा प्रोजेक्ट 'जॉली एलएलबी 3' है, जिसमें उनकी पूर्ण रिकवरी की संभावना बनी हुई है। फिल्म उद्योग में अक्षय कुमार का लंबा और सफल करियर टीवी गिनीज़ बुक में बड़े नामों के साथ जुड़ा रहा है, लेकिन हाल के संघर्ष ने उनका आत्मविश्वास कुछ हद तक प्रभावित किया है।
फिल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रिया
दर्शकों के बीच 'खेल खेल में' को मिली मिक्स प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों दोनों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने में कठिनाइयां आ रही हैं। फिल्म के कॉमेडी और ड्रामा की मिश्रित शैली ने पूरी तरह से दर्शकों का मन आकर्षित नहीं किया है, जो दर्शकों की चयाप्रवर्ती पसंद में बदलाव का संकेत है।
फिल्म का विश्लेषण और भविष्य की राह
अक्षय कुमार के लिए आगे की राह मुश्किल तो है, लेकिन उनकी क्षमता और उद्योग में उनका अनुभव एक बार फिर से वापसी की संभावना को जीवित रखता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कब और कैसे एक बार फिर से बॉक्स ऑफिस के राजा बनेंगे।
Manjit Kaur
ये फिल्म तो बस एक और बर्बादी है अक्षय के लिए। क्या ये लोग अभी भी ऐसी फिल्में बना रहे हैं?
Darshan kumawat
स्त्री 2 ने 54 करोड़ कमाए और ये फिल्म 5 करोड़ में भी नहीं पहुंच पाई। क्या अक्षय कुमार अब बॉक्स ऑफिस का नाम भूल गए हैं?
yashwanth raju
अरे भाई, ये फिल्म तो बस एक बेकार की टाइम पास वाली चीज है। अक्षय को अपनी फिल्मों का जायजा लेना चाहिए। वरना जल्दी ही कोई नहीं देखेगा।
Aman Upadhyayy
मैंने तो बस ट्रेलर देखा था... और लगा कि ये फिल्म बहुत बोरिंग होगी। अब देखो, 5 करोड़ कमाने में भी दिक्कत हुई। अक्षय के लिए ये एक बड़ा संकेत है कि अब उनकी फिल्में बस अपने फैंस के लिए नहीं, बल्कि पूरे ऑडियंस के लिए बननी चाहिए। 😔
ASHWINI KUMAR
अक्षय कुमार की फिल्में अब बस एक रूटीन है। एक ही तरह का कॉमेडी, एक ही तरह का ड्रामा, एक ही तरह का एक्शन। क्या इतना भी नहीं समझ पा रहे कि दर्शक बदल गए हैं?
vaibhav kapoor
हिंदी फिल्मों को अंग्रेजी फिल्मों की तरह बनाने की कोशिश कर रहे हो, लेकिन भारतीय दर्शक अभी भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं। ये फिल्म तो बस एक बेवकूफी है।
Manish Barua
मैंने फिल्म देखी थी... अच्छी थी। लेकिन शायद लोगों को अब ज्यादा एक्शन चाहिए। ये फिल्म थोड़ी धीमी थी। लेकिन अक्षय तो हमेशा अच्छा करते हैं।
Abhishek saw
अक्षय कुमार के लिए ये सिर्फ एक अस्थायी चुनौती है। उनकी मेहनत और लगन अभी भी बरकरार है। अगली फिल्म जॉली एलएलबी 3 से वापसी होगी।
TARUN BEDI
हमारे समाज में जब तक लोग ऐसी फिल्मों को देखते रहेंगे, तब तक ये चक्र नहीं टूटेगा। अक्षय कुमार का नाम अब एक ब्रांड हो गया है, लेकिन क्या ब्रांड का मतलब यह है कि वह हर बार एक ही चीज दे सकता है? यही सवाल है।
Shikha Malik
मुझे लगता है अक्षय अभी भी अपनी बुद्धि से काम ले रहे हैं, लेकिन दर्शक अब इमोशनल कनेक्शन चाहते हैं। ये फिल्म तो बस एक गुमसुम फॉर्मूला थी।
Hari Wiradinata
हर फिल्म का अपना समय होता है। अक्षय कुमार ने बहुत सारी फिल्में बनाई हैं। ये एक गिरावट है, लेकिन अंत नहीं।
Leo Ware
फिल्म बाजार बदल रहा है। अक्षय कुमार जैसे कलाकार अपने अनुभव के साथ नया रास्ता खोजेंगे। ये सिर्फ एक पड़ाव है।