मरिएज देखभाल – आपके लिए आसान स्वास्थ्य गाइड

हम सब चाहते हैं कि हर दिन हम ताज़ा, स्फूर्तिदायक और बीमारियों से दूर रहें. लेकिन अक्सर काम‑काज में उलझ कर सही देखभाल करना भूल जाते हैं। इस पेज पर हम आपको रोज़मर्रा की छोटी-छोटी चीजें बताएंगे जो आपकी सेहत को बड़ा फ़ायदा देंगी.

रोज़मर्रा की हेल्थ टिप्स

पहला कदम है पानी. दिन में कम से कम 8 गिलास साफ पानी पीना चाहिए, इससे शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पाचन भी ठीक रहता है। दूसरा, सुबह उठते ही एक ग्लास नींबू पानी या हल्का अचार वाला पानी पिएँ – यह पेट को सक्रिय करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। तिसरा, हर दिन कम से कम 30 मिनट चलना या हल्की स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद रहता है; इससे रक्त संचार सुधरता है और दिल की बीमारियों का खतरा घटता है।

तीसरे टिप में हम खाने के बारे में बात करेंगे. दाल, चावल, सब्ज़ी और फल को बराबर हिस्सों में रखें। फाइबर वाले आहार जैसे ओट्स, साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां कब्ज़ से बचाती हैं और ब्लड शुगर को स्थिर रखती हैं। मीठे पेय या अधिक तले‑भुने भोजन से दूर रहें; छोटे हिस्सों में खाएँ और धीरे-धीरे चबाकर निगलें, इससे पेट पर दबाव नहीं पड़ता.

घर में आसानी से अपनाए जाने वाले उपाय

जब शरीर थकान या सर्दी‑जुकाम का शिकार हो तो घर के साधन काम आ सकते हैं। अदरक‑हल्दी वाला चाय, काली मिर्च और शहद मिलाकर पीना गले की खराश को आराम देता है। तुलसी के पत्ते या नीम के तेल से मसाज करने पर रक्त परिसंचरण सुधरता है और दर्द कम होता है। अगर खांसी हो तो गर्म पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे करें, इससे बैक्टेरिया बाहर निकलते हैं.

इन उपायों को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें, खासकर अगर आप दवाइयाँ ले रहे हों या कोई पुरानी बीमारी है। छोटी-छोटी आदतें बड़ी बदलाव लाती हैं – नियमित नींद, तनाव कम करने के लिए गहरी साँस लेना या हल्का संगीत सुनना भी आपकी मानसिक सेहत को मजबूत बनाता है.

समय‑समय पर अपने शरीर की नज़र रखें. अगर लगातार थकान, वजन में अचानक बदलाव या पेट दर्द रहता है तो तुरंत मेडिकल चेक‑अप कराएँ। याद रखें, स्वस्थ जीवनशैली सिर्फ़ बीमारी का इलाज नहीं बल्कि एक सकारात्मक सोच और छोटे‑छोटे कदमों से बनती है.

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UAB के अध्ययन से निश्चेतक चयन में नए मानदंड, स्वास्थ्य सेवाओं में नया सुधार

अलाबामा विश्वविद्यालय बर्मिंघम (UAB) में एक अध्ययन किया जा रहा है, 'इंटुबेशन के लिए निश्चेतक चयन का रैंडमाइज़्ड ट्रायल', जिसका उद्देश्य सबसे उपयुक्त निश्चेतक को ढूँढना है। यह दो दवाओं, केटामाइन और एटोमिडेट, की प्रभावकारिता और सुरक्षा की तुलना करेगा। शोध लक्ष्य गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए बेहतर इलाज और परिणाम पाना है।

द्वारा लिखित

Maanasa Manikandan, जून, 11 2024